सेवा पंजिका नियम | Service Book Rules

सेवा पंजिका नियम | Service Book Rules

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सेवा पंजिका नियम | Service Book Rules: सरकारी सेवा में कार्यरत सभी अराजपत्रित सेवकों एवं अधिकारियों की सेवाओं का विवरण जिस पंजिका में अंकित कर रखा जाता है, वह सेवा पंजिका के नाम से जानी जाती है। इससे सम्बन्धित नियमों का उल्लेख, वित्तीय हस्त पुस्तिका, खण्ड दो, भाग-2 से 4 के सहायक नियम 134 से 142 में मिलता है। इनमें से कुछ प्रमुख नियम निम्नवत् हैं

सेवा पंजिका नियम सहायक नियम 143 | Service Book Rules

ऐसे राजपत्रित अधिकारी, जिनका वेतन, वेतन पर्ची के बगैर, अधिष्ठान के वेतन बिल फार्म पर आहरित किया जाता है, उनकी भी सेवा पंजिका अब रखी जाती है।

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सहायक नियम 135

किसी स्थायी अथवा अस्थायी पद पर कार्यरत प्रत्येक अराजपत्रित सेवक एवं सहा नि 134 में वर्णित राजपत्रित अधिकारियों हेतु प्रपत्र 13 पर एक सेवा पंजिका रखी जानी चाहिये जिसमें उनके सेवाकाल के विभिन्न चरणों का उल्लेख किया जाना चाहिये। ऐसी सभी प्रविष्टियाँ उनके कार्यालयाध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित की जानी चाहिये। स्वयं कार्यालयाध्यक्ष होने की दशा में उच्चतर अधिकारी द्वारा हस्ताक्षरित की जानी चाहिये।

चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों एवं हेड कान्सटेबुलों तक के पुलिस कर्मियों हेतु सेवा पंजिका के स्थान पर सेवा रोल प्रपत्र 14 में रखे जाते हैं।

नोट-आयुक्त कार्यालय के लिपिकों की सेवा पुस्तिकाओं में अंकित प्रविष्टियाँ मुख्य सहायक द्वारा हस्ताक्षरित की जावेंगी एवं स्वयं मुख्य सहायक की सेवा पुस्तिका प्रविष्टियाँ आयुक्त द्वारा हस्ताक्षरित की जाती हैं।

सहायक नियम 136

प्रत्येक कर्मचारी की प्रथम नियुक्ति पर उसे एक सेवा-पुस्तिका निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है। यह सेवा-पुस्तिका उसके कार्यालयाध्यक्ष के नियन्त्रण में रखी जाती है एवं कर्मचारी के स्थानान्तरण हो जाने पर उसके नवीन कार्यालय को स्थानान्तरित कर दी जाती है। इस पुस्तिका में सभी प्रविष्टियाँ स्वच्छ एवं पठनीय आलेख में होनी चाहिये एवं संशोधन (यदि कोई हो) कार्यालयाध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षरित होने चाहिये।

सहायक नियम 136 ए

अधिवर्षता सेवा निवृति के अतिरिक्त अन्य किसी प्रकार की सेवा निवृत्ति, पदत्याग (resignation), सेवा से पृथकीकरण, निष्कासन अथवा सेवा समाप्ति (termination) की दशा में सम्बन्धित कर्मचारी की सेवा पुस्तिका आगामी पाँच वर्ष तक कार्यालय में रखी जानी चाहिये। इस अवधि की समाप्ति के उपरान्त यदि छः माह के अन्दर उक्त कर्मचारी द्वारा सेवा-पुस्तिका की माँग की जाती है तो वह उसे दी जा सकती है, अन्यथा उसे नष्ट किया जा सकता है। कर्मचारी की मृत्यु हो जाने की दशा में मृत्यु के दिनांक के छः माह बाद सेवा-पुस्तिका नष्ट की जा सकती है अन्यथा उसके सम्बन्धियों की माँग पर उन्हें सौंपी जा सकती है।

अधिवर्षता सेवा निवृत्ति (Superannuation retirement) की दशा में, सम्बन्धित कर्मचारी को पेंशन की अन्तिम स्वीकृति के बाद उसकी सेवा-पुस्तिका उसे दी जा सकती है, यदि कर्मचारी चाहे, अन्यथा आगामी पाँच वर्ष तक कार्यालय में सुराक्षित रखी जानी चाहिये।

सेवा निवृत्ति के अतिरिक्त उपरोक्त किसी कारणवश सेवा से पृथक होने के पश्चात यदि सम्बन्धित कर्मचारी की पुनः नियुक्ति किसी कार्यालय में की जाती है तो ऐसे कार्यालय के कार्यालयाध्यक्ष को उक्त सेवा-पुस्तिका उपलब्ध करा दी जानी चाहिये।

कहने की आवश्यकता नहीं है कि उक्त कार्यवाही इस आपेक्षा के साथ निर्देशित है कि उल्लिखित अवधि में सम्बन्धित कर्मचारी की पेंशन/पारिवारिक पेंशन निर्धारित/स्वीकृत कर दी जावेगी। दूसरे शब्दों में पेंशन/पारिवारिक पेंशन निर्धारण के पूर्व सेवा पंजिका नष्ट नहीं की जानी चाहिये।

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सहायक नियम 137 (Subsidiary Rule of Service Book Rules)

प्रत्येक कार्यालयाध्यक्ष का यह कर्तव्य होता है कि वह प्रति वर्ष अपने अधीन कार्यरत कर्मचारियों को उनकी सेवा-पुस्तिका अवलोकनार्थ उपलब्ध कराएँ एवं इस आशय के हस्ताक्षर सम्बन्धित कर्मचारी से उसकी सेवा-पुस्तिका में प्राप्त करें।

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