मातृत्व अवकाश के नियम, सहायक नियम 153/154, उत्तर प्रदेश | Maternity leave rules

मातृत्व अवकाश के नियम, सहायक नियम 153/154, उत्तर प्रदेश | Maternity leave rules

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मातृत्व अवकाश के नियम (सहा. नि. 153/154) | Maternity leave rules: किसी महिला, सरकारी कर्मचारी को, चाहे वह स्थायी हो या अस्थायी सक्षम अधिकारी द्वारा पूर्ण वेतन पर निम्नानुसार मातृत्व अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है-

  1. प्रसव की दशा में, अवकाश में प्रारम्भ की तिथि से 3 माह (90 दिवस) तक।

2. गर्भ गिर जाने/गिरा दिये जाने की दशा में, प्रत्येक अवसर पर, अधिकतम छः सप्ताह तक इस प्रतिबन्ध के साथ कि ऐसे अवकाश प्रार्थना पत्र के साथ अधिकृत चिकित्सक का प्रमाण पत्र संलग्न किया जाय ।

यह अवकाश किसो स्थायी अथवा अस्थायी महिला कर्मचारी को, सम्पूर्ण सेवा काल में अधिकतर तीन बार अनुमन्य होता है एवं इसकी अनुमन्यता निम्नांकित शर्तों के अधीन प्रतिबन्धित होती है।

(क)- यदि कर्मचारी के दो अथवा दो से अधिक जीवित सन्तान है तो उसे मातृत्व अवकाश अनुमन्य न होगा; भले ही उसके द्वारा एक बार भी इस अवकाश का उपभोग न किया गया हो ।

(ख)- एक बार मातृत्व अवकाश (Maternity leave) का उपभोग करने के बाद दोबारा यह अवकाश तभी अनुमन्य होगा जब पूर्व में उपयुक्त अवकाश के अन्तिम दिवस से कम से कम दो वर्ष का अन्तराल हो चुका हो ।

(ग)- तीसरी बार यह अवकाश तभी स्वीकृत किया जा सकता है जब वर्तमान दो बच्चों में से एक जन्म से विकलांग हो अथवा बाद में किसी असाध्य रोग से पीड़ित हो गया हो । इस तथ्य की पुष्टि हेतु सक्षम चिकित्सक द्वारा प्रदत्त चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।

मातृत्व अवकाश के नियम, सहायक नियम 153/154, उत्तर प्रदेश | Maternity leave rules

(घ)- इस अवकाश के क्रम में किसी अन्य प्रकार का अनुमन्य अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है।

(च)- यद्यपि मातृत्व अवकाश हेतु कोई पृथक अवकाश लेखा नहीं रखा जाता है परन्तु प्रत्येक बार स्वीकृत मातृत्व अवकाश (Maternity leave) का पूर्ण विवरण संबंधित कर्मचारी की सेवा पंजिका में अंकित कर दिया जाना चाहिए ।

(छ)- उपरोक्त क्रमांक II के अनुसार गर्भपात/गर्भस्राव के प्रकरणों में अनुमन्य मातृत्व अवकाश (Maternity leave) के सम्बन्ध में अधिकतम तीन बार अनुमन्य होने का प्रतिबन्ध, शासन के पत्रांक सा-4-484/दस-90-216-79, दिनाँक 3 मई 1990 द्वारा प्रसारित अधिसूचना के द्वारा, समाप्त कर दिया गया है, अर्थात अब गर्भपात गर्भस्त्राव के प्रकरणों में मातृत्व अवकाश तीन से अधिक बार भी स्वीकृत किया जा सकता है, शेष शर्ते व प्रतिबन्ध पूर्ववत रहेंगे ।

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