निजी कार्य पर अवकाश (अर्द्धवेतन पर अवकाश के नियम) [मू. नि. 81-B(3)], Leave on half pay अर्जित अवकाश की भाँति दिनाँक 1.7.79 से निजी कार्य पर अवकाश भी प्रत्येक कलैण्डर वर्ष में 31 दिन का अर्जित किया जाता है, अर्थात 1 जनवरी को 16 दिन व 1 जुलाई को 15 दिन का अवकाश सम्बन्धित कर्मचारी के अवकाश लेखे में जमा किया जाता है। किसी छः माही की खण्डित अवधि की दशा में इसे भी 21/2 दिन प्रतिमाह की दर से लेखांकित किया जाता है ।
स्थायी सरकारी सेवकों के मामले में यह अवकाश 365 दिन की अधिकतम सीमा तक ही जमा किया जा सकता है एवं सम्पूर्ण सेवाकाल के अधिकतम 365 दिन का अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है तथा किसी एक समय में अनुमन्य अवकाश की सीमा निम्नानुसार प्रतिबन्धित है।
1- सम्पूर्ण अवकाश भारत में ही व्यतीत किये जाने की दशा में, अधिकतम 90 दिन,
2-सम्पूर्ण अवकाश भारत से बाहर व्यतीत किये जाने की दशा में, अधिकतम 180 दिन,
3-अंशतः भारत में व अशंतः भारत के बाहर अवकाश व्यतीत करने की दशा में 90 दिन व वह अवधि जो भारत के बाहर व्यतीत की गई हो परन्तु कुल मिलाकर अधिकतम 180 दिन
अस्थायी सरकारी सेवकों के मामलें में यह अवकाश अधिकतम 60 दिवस तक ही जमा हो सकता है परन्तु अवकाश उपभोग के फलस्वरुप शेष अवकाश 60 दिवस से कम रह जाने पर अवकाश-अर्जन पुनः प्रारम्भ हो जायेगा। अस्थायी सरकारी सेवकों को उनके अस्थायी सेवाकाल में कुल मिलाकर 120 दिन तक का अवकाश प्रदान किया जा सकता है, यदि ऐसे कर्मचारी द्वारा 2 वर्ष की निरन्तर सेवा पूर्ण की जा चुकी हो।
आकस्मिक अवकाश के लिए आवेदन प्रारूप | Casual leave application in Hindi
आकस्मिक अवकाश क्या हैं ? Casual Leave in Hindi
यह अवकाश “अर्द्धवेतन पर अवकाश ” (Leave on half Pay) के नाम से भी जाना जाता है । कुछ विशेष परिस्थितियों के अतिरिक्त सामान्यतः यह उसी दशा में अनुमन्य होता है, जब सम्बन्धित कर्मचारी को अन्य किसी प्रकार का अवकाश देय न हो ।
अब अनिवार्य सेवा निवृत्ति (Compulsory Retirement) अथवा स्वेच्छा सेवा निवृत्ति (Vouluntary Retirement) की दशा में, सम्बन्धित कर्मचारी सेवक के खाते मे अवशेष Leave on Private Affairs के नकदीकरण की सुविधा भी कतिपय प्रतिबन्धों के अधीन, अनुमन्य का दी गयी है जिसकी चर्चा अर्जित अवकाश के नकदीकरण के अंतर्गत की गयी हैं |